गाँव के छोटे से घर में सुबह की पहली किरण के साथ ही हलचल मच जाती है। 16 साल का रवि अपनी माँ के साथ चूल्हे के पास बैठा, धुएँ से भरी रसोई में रोटी सेंकते हुए आलू की भुजिया खा रहा था। उसके पिता, रामलाल, खेत की ओर निकल चुके थे, और उसकी छोटी बहन गुड़िया घर के बाहर मिट्टी के खिलौने बना रही थी। रवि की आँखों में सपने थे, लेकिन हालात कठिन थे। उसके पिता चाहते थे कि वह खेती में हाथ बँटाए, पर रवि पढ़ाई जारी रखना चाहता था। गाँव के इकलौते स्कूल में सुविधाएँ कम थीं, लेकिन रवि के हौसले बुलंद थे With Dream Machine AI