एक जंगल में एक बुलबुल नाम की एक गिलहरी रहती थी। वह बहुत चंचल और उछल कूद करती थी। कई बार जंगल के जानवर उसे समझाते थे। कि इतनी उछल कूद और शरारत करना ठीक नहीं है लेकिन वह नहीं मानती थी। उसे यह सब करने में मजा आता था। एक दिन बुलबुल एक पेड़ पर उछल कूद कर रही थी। तभी वहां भोलू भालू आया बुलबुल कूद कर उसकी पीठ पर बैठ गई। भोलू ने कहा बुलबुल बहन आज भी रोज की तरह शैतानी कर रही हों। पिछली बार तुम्हारे कारण मेरा पैर फिसल गया और मैं कीचड़ जा गिरा था। यह सुनकर बुलबुल हसने लगी। बुलबुल ने कहा माफ करना भोलू तुम्हें देखकर तुम्हें छेड़ने का मन करता है लेकिन मैं वादा करती हूं आज तुम्हारे साथ कोई शरारत नहीं करूंगी। भोलू एक पेड़ के नीचे लेट कर आराम करने लगता है। कुछ देर बाद बुलबुल की आवाज सुनकर उठ जाता है। बुलबुल ने कहा बचाओ बचाअे मैं यहां पेड़ की डाल पर फस गई। With Dream Machine AI

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