तब इंद्र ने वर्षा और आँधियों का सहारा लिया, परंतु साधु टस से मस नहीं हुए। अंत में, इंद्र स्वयं उनके सामने प्रकट हुए और बोले, "हे महर्षि, आपकी तपस्या अद्वितीय है। आप जो वरदान माँगेंगे, मैं आपको दूँगा।" With Dream Machine AI

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