गोकुल गाँव में एक नटखट बच्चा रहता था—कृष्ण! वह बहुत प्यारा था, लेकिन शरारतें करने में सबसे आगे। कभी ग्वाल-बालों के साथ खेलता, तो कभी माखन चुराकर खा जाता। एक दिन, माँ यशोदा ने कृष्ण को पकड़ लिया। उनके गाल फूले हुए थे, जैसे उन्होंने कुछ छिपा रखा हो। माँ ने प्यार से पूछा, "कान्हा, मुँह में क्या है?" कृष्ण ने सिर हिलाया, लेकिन माँ को शक हुआ। जब उन्होंने ज़बरदस्ती मुँह खुलवाया, तो हैरान रह गईं! कृष्ण के छोटे से मुँह में पूरा ब्रह्मांड था—सूरज, चाँद, तारे, आसमान और धरती! माँ को समझ नहीं आया कि उनका बेटा कोई साधारण बच्चा है या खुद भगवान! पर तभी कृष्ण मुस्कुराए और माँ को गले लगा लिया। यशोदा माँ का दिल पिघल गया। उन्होंने सोचा, "चाहे कुछ भी हो, मेरे लिए तो मेरा कान्हा सिर्फ मेरा प्यारा बेटा ही है!" और फिर उन्होंने उसे खूब प्यार किया। और ऐसे ही, कृष्ण अपनी मस्ती और माँ के प्यार में खेलते-कूदते बड़े होने लगे! With Dream Machine AI